तूने जाकर अंधेरे मे सब को है रौशनी दिखाई,
अब तो मंजिल हमे खुद के पास नज़र आ रही है.
गिरा के खुद को तूने सबको है चलना सिखाया,
राहें अब चाँद की हमको साफ़ नज़र आ रही है.
नहीं डगमगाया हमारा जूनू कुछ कर गुजरने का,
तेरी क़ुरबानी अब तो दिल मे ओर जोश जगा रही है.
तू फ़िक्र न कर हम तेरे पास जरूर आयेंगे,
हमको चाँद पर तेरी परछाई नज़र आ रही है.
जब तक मिलेंगे ना तुझसे हम चैन से सो ना सकेंगे,
तुझसे मिलने की चाह अब हमको और जगा रही है.
Bahut khoob
Wonderful offerings to Indian scientists …kudos
http://www.halkahalkaswag.com/amarendra-singh-mission-chandrayaan/